लूका
12
चेतोनी अवुर उत्साह
1, हेनेन तोलोग हजारो झन रा: भीड़ होया एना, अवुर कू ठेला ओड़ेगु, “तहाँ ईसु सींड़ वरि मड़ंग ते अनेज रेनकू चेला कू थरेय कहनी तेडा, “अपे ठक लबरा फरीसी
a कू वरि सँव चेती तेपे दोहोनु।
2नआँ घिया: दिन मेजु: तना, गड़ल तोपल सींड़ टेबो: होड़कू थरे देखा रूआ, अवुर उपता टेबोः सींड़ कू पपाड़ीआ।
3कनारा टेबो: अंधरा ओत रे कू टेबो: केडा, हेना टेबो: मरसल रेकू लायेआ। ओड़ा: दलंग रे लोटो: केनते कू टेबो: केडा, हेना सींड़ टेबो: सड़ीम अगस वरि चड़ाँको:ते कू लायेआ।
इया पे बोरोवा ?
(मत्ती 10:28-31)
4“अपे इंञ गति कू हवें इंञ लाय वपे तना, हेंकू जान सेयते कू ञेंड गोज पेआ। हेंकू तयोम ते कनार एरोकू बनो तेडा, हेंकू अलो पे बोरू वकू। 5इंञ अपेंञ लाय वताना इया पे बोरोवा, “ भगवान गोजके कुते नरक रे डलो कुरा: सक्ति इदाना हेनी पे बोरोवा। 6पाँच गोटंग गोरेला कू दु पेयसा वरि बगरा ते मेने कू केजाआ, तबोले हो भगवान हेंकू मेंडे रे मियाँ टंग हो मेनेय लिड़ींञ कुआ। 7अपे भो: राः सींड़ ऊबीय लेखा केडा, हेना ते अलो पे बोरू, अपे गोरेला कू वरि हो बगरा कीमती गिआ पे।”
8“ इंञ अपे थरेंञ कहनी यडा, कनय हो होड़कू मड़ंग रे इंञीय अपनो रेदो, होड़ होपोन हो भगवान रेनकू बराहील कू मड़ंग रेय अपनो विया। 9लेकिन होड़कू मड़ंग रे इंञीय नहकार हेंय, भगवान रेनकू बराहील कू मड़ंग रे इंञ हो हेंयीय नहकारा। 10कनय होड़ हो भगवान होपोन रा: बिरोध रे कनर टेबो: कू टेबो: रेदो हेंकू रा: माफी ञँमुआँ, लेकिन पवितर आत्मा रा: बिरोध रे निन्दा टेबोईय टेबो: रे, हेनी रा: माफी एरो ञँमेना।
11“ अपे कनय राज चलो कू थरे अवुर दरबार रे अवुर बड बडे अघिकारी कू थरे कू इदी पेरे ची ले कहनीआँ मेनते पसींद पसींद अलो पे चिन्तायू। 12कहेकि पवितर आत्मा ची कहनी: हेना, हेनेन तोलोगिय लाय वपेआ।”
मियाँ होड़ बोया धनमन रा: दिरिस्टान्त
13हेना वरि फेर भीड़ वरि मियाँ होड़ कहनी तेडा, “ ए गुरू, मगंञ थरेम कहनीयू अपुंञ रा: धन दवलातीय हटींग वञूँ।” 14तहाँ ईसु हेंय थरेय कहनी तेडा, “ ए होड़, हहाटींगय अवुर फफसलाअय इया चुनो केडीञाँ ?” 15अवुर ईसु हेंकू थरेय कहनी तेडा, “अपे सँवचेती तेपे दोहोनु, अपे कनारा रेहो अलो पे लोभियाऊ। बगरा धन दवलत कमाय भर जीवन रे बड़ी बात कोवाआ।”
16हेना वरि ईसु हेंकू थरे मियाँ टंग उदाहरड़ीय लाय तेडा, “ मियाँ होड़ धनवान रा: खेत रे अखीर कमाय होया एना। 17“हेंय नआँ याःते अनेज मन रे पसींद तेडा, ‘न मेनमोट हुड़ू इंञ थरे इदान हेना चींञ बनोआँ, दोहोय लगड जघा हो कोवाआ। 18कोठी टोवीज केते बडे तेंञ बनोवेआ, हेना रे सींड़ होड़ू तँञींञ दोहोआ। 19अवुर इंञ इंनीञींञ कहनी वआ, अखीर बारिस लगड अम थरे हुड़ू इदाना, जोमु: चरो: मी अवुर खुसीम मनो।” ’ 20लेकिन भगवान हेंय थरेय कहनी तेडा, ‘ ए बोया ! तेनेसींञ ञींद अमा: जीविंञ गोगे रेदो, नआँम जवार केडा, हेना कर हुड़ू इया रा: होयाआ ?’ 21न सँवसार रे हुड़ू जवार हेंकू होड़कू भगवान राः नँजेर रे धनी कोवा कुआ।”
अलो पे पसींदे
(मत्ती 6:25-34; 19-21)
22हेना वरि ईसु अनेज रेनकू चेला कू थरेय कहनी तेडा, “ जियो: लगड ची ले जोमा, अवुर ची ले तुसींञाँ मेनते, देंह लगड हो अलो पे पसींदे। 23कहेकि जोमु: चरो: अवुर कपड़ा लता वरि हो, अपे रा: जीव अखीर किमती गिआ। 24काहू कुपे तियागु; हेंकू मेरेआ नकू, कोठी रे कू दोहोया, तबो लेहो भगवान हेंकूय असुल कुआ। अपे तितिज कू वरि हो अखीर किमती गिआ पे। 25अपे मेंडे इया इदाना, चिन्ता केते अनेज रा: उमेर मियाँ घड़ी होय बड़हो सको अय ? 26नआँ घिया: मियाटंग होडींञाँ काम घली मेने पे करो सकोआ दो, अवुर एटाः - एटाः चीज लगड ची पे चिन्ता यडा?
27“जंगल राः बहा पे तीयागू, हेना का:ते बडेआ, न कपड़ा तुसींञाँ, न बुताआ, तबो लेहो इंञ अपेंञ लाय वताना, निमीन बडेअय सुलेमान राजा घली धनमान रह ते बहा वरि हो हेंय रा: बढ़ियाँ: कपड़ा कोवाआ। 28भगवान डांड रा: बीर घली तेसींञ इदान हेना, अवुर एटा: चेका कू तुयाँगेआ, हेना घली बढ़ियाँ तेय सींगारेआ, दो ए कमजोर बिसवासी कू, अपे भगवान नआँ वरि हो बगरा तेय धियान पेआ। 29दो अपे ची ले जोमु: चरो: मेनाआँ खोज रे अलो पे दोहोनु, न पे चिन्तायू। 30कहेकि दुनिया रेनकू होड़कू नआँ सींड़ चीज रा: खोज रेकू दोहोना, अवुर अपे रा: ची जरूरत इदाना हेना अपे रेनिय भगवान अपा पपाड़ी तना। 31भगवान राः राज रा: खोज रे पे दोहोन रेदो, नआँ सींड़ चीज अपे हेंय ओवा पेआ।”
सरग रा: अनाज
32इंञा: कू चेला कू ठुवा गिरे हो अलोपे बोरू, कहेकि भगवान अपा अपे सरग राज ओवापे लगड अखीर खुस इदानियाँ। 33अपे थरे जो चीज इदाना, हेना केजा केते जे राः जरूरत इदान हेनी होड़ दान तेपे ओवायू। अवुर अपन लगड एयसा बटू पे बनो जोकि कबोह मेने मरिआ। सरग रे धन दवलत पे जवर रेदो कबोह एरो अधियों एना, अवुर हेना ञिंदीर कुहो एरो जोम सको एना अवुर चोरहा कुहो एरो कू चोरा सको एना। 34कहेकि जहाँ रे अपे राः धन दवलत दोहोना, हेंडे अपे राः मन दोहोना।
सँवचेति तेपे दोहोनु
(मत्ती 24:42-51)
35“ भगवान राः काम लगड तयार पे दोहोनु, अवुर अपे जो काम करेक इदाना हेना पे काम हताड़े। 36मालिक तबु बियाह वरि तिमीसीय मिड़ाः मेनते कू तँगीया। अवुर हेंय मेजको: ते दुवारीय खटखटो सी तुरेत तेकू जिजवाया। हेनकू नोकर कू घयते अपे होपे बनोऊ। 37जगो हतड़ को: तोलोग मालिक मेज ञँमकूः हेंकू नोकर कू अखीर तेकू खुसीआ। इंञ अपे थरे सही मेतेंञ कहनी यडा, खुदे मालिक तयार को:ते हेंकू जोमु: लगाडीय दुड़ूब कुआ, अवुर मेजको:ते हेन कुय सेवाआ। 38अगर अदहा रात चहे भींसारीय मेजको:ते हेंकू जगल तेय ञँमकुआ, हेंकू नोकर कू अखीर तेकू खुसीआ। 39अपे नआँ टेबोः पपाड़ी को:पे, चोर तिमीन जुवारिय मेजुआ मेनाआँ ओड़ा: मालिक पपाड़ी रेदो, जगालिय दोहो एन मेनु, अवुर ओड़ा: तुरे एरोय एनेम बुचा: वड मेनू। 40हेना ते अपे हो तयार पे दोहोनु, कहेकि होड़ होपोन कनर तोलोग होय मेजुआ।”
इमानदार अवुर अलढेलिया नोकर
(मत्ती 24:45-51)
41हेना वरि पतरस होंबोर तेडा, “ ए परभु, नआँ उदाहरड़ सिरीफ अले लगड हवे किदो, सींड़ कू लगड मी कहनी यडा ?” 42हेना वरि ईसु जबाब तेडा, “ बुधमान अवुर इमानदार नोकर इया इदाना ? जे मालिक ओड़ा: रा: देख रेख लगड अवुर सही समय रे हरवाह - चरवाह कू हिसत कुय खियो हताड़ा। 43मालिक तू नेन घयतेय बड़ियाँ काम हतर तोलोगिय मेज ञँमेय हेंय नोकर अखीर तेय खुसीआ। 44सही मेते इंञ अपे थरेंञ कहनी यडा, हेंय अनेज राः सींड़ धन सम्पती देख रेखे लगड अधिकारिय ओवाया। 45लेकिन इंञाअय मालिक मेजुईय देरी यडा मेनते पसींदेअय, हेंय नोकर अवुर हरवाह हरवाहीन कू ञेंड बेड़ा कू, अवुर मतवाड़ीऊय, अवुरिय जोमु: चरोऊ रेदो, 46हेंय नोकर रेनिय मालिक मेनेय तँगी घनी अवुर मेनेय पपाड़ी तोलोग अचाकतेय मेजुआ। अवुर मालिक हेंय अखीर सजा एमकेय ते, जे इमानदार कोवाकुआ हेंकू सुदाय कुलेया।
47“जे नोकर मालिक राः मरजीय पपाड़ी दोहो एनु, हेंडे रेहो हेंय जिमा वडिय हेना बढ़ियाँ ते मेनेय कामे रेदो, हेंय नोकर बगरा सजाय ञाँमा। 48लेकिन अनजान ते गलती काम कू काम हेंकू, बगरा सजा एरो कू ञँमतेडा। बगरा ओवड कुआ, हेंकू वरि बगरा असीया, अवुर अखीर बगरा जिमा वड कुआ, हेंकू वरि बनगरा ते असीया।
ईसु अलग - तलग कू लगाडीय मेजेना
(मत्ती 10:34-36)
49“ इंञ धरती रे सेंगेल सलगो लगाडींञ मेजकेना, इञा: इच्छा इदाना कि हेना निनीहो जबेनू !
50हेना वरि पहिल ते इंञ मियाँ टंग बतिसमाय
b ते खँडा: जरूरी इदाना, नआँ अनायीन पुरो: मेन दिन इंञ थरे अखीर तकलीफ इदाना !
51अपे अड़ींग तना, इंञ धरती रे मेल - मिलाप लगाडींञ मेजकेना ? मेने, इंञ अपेंञ लाय वताना, अपे अलग तलग लगाडींञ मेजकेना।
52कहेकि पाँच झन अब वरि मियाँ ओड़ाः रेनकू एठेड ओड़ेंगा, पेय होड़ बा होड़ सुदा, बा होड़ पेय होड़ सुदा।
53अपत कोड़ा होपोन तू सुदा, अवुर कोड़ा होपोन तू अपत सुदा कींञ एठेड ओड़ेंगा, इंगत कोड़ी होपोन तू सुदा, अवुर कोड़ी होपोन तू इंगत सुदा, हनहार तू किमीन तू सुदा अवुर किमीन तू हनहार तू सुदा, कींञ एठेड ओड़ेंगा।”
समय रा: भेद
(मत्ती 16:2-3)
54ईसु भीड़ रेनकू थरेय कहनी तेडा, “ अपे पछु हन वरि लिबींर रकब तहाँ तुरेत तेपे कहनियाँ, दाः उयुगेआ मेनते, अवुर हेनेन घयते होयाआ; 55अवुर देखीन हंडा: होय चलो: रेदो पे कहनियाँ एएलगाँ मेनते, अवुर हेनेन घयते होयाआ। 56ए कपटी होड़कू, अपे धरती अवुर अगस राः चिन्ह ञेंलकेते परथींञ गोत्ते अपे, लेकिन नआँ समय रे जो कुछ होयाः तना हेना ञेंलकेते ची लगड मेने पे परथींञ सको: तना ?”
अपन मुदेय कू सुदा पे मेरवन कोऊ
(मत्ती 5:25-26)
57“ सही ची हवे मेनाआँ अनापे ची लगड मेने पे फसलाया ? 58अम अपन मुदेय सुदा फसलाय लगड अघिकारी कू थरे सेनु: तोलोग होनोर रे हेंय सुदा मेरवानु: मी, नहीं तदो हेंय फफस लाअय थरेय ओर इदी मिआँ, अवुर हेंय सिपाहिकुय जिमा वआँ, अवुर हेंकू जेहेल रेकू डलो मिआँ। 59इंञ अपे थरेंञ कहनी यडा, डाँड़ अनायीन पे भरोवे मेन दिन एरो कू एनेम उडुंग वडपेआ।”